मेरी सांसो में समाई है तू खुशबू की तरह सच कहूँ तो मुझे महबूब है उर्दू की तरह
दिन तो कट जाता है बिन तेरे मगर रातों में जलता बुझता हुआ रहता हूँ मैं जुगनू की तरह