वो देख मेरे जुम्बिश -ए- लब पूछने लगे
क्या आरज़ू है क्या है सबब पूछने लगे
मैं आसमाँ को छूने जो पहुंचा उरूज पर
कुछ लोग मेरा नाम -ओ- नसब पूछने लगे
खोया था उनकी याद में कल मैं शब -ए- फ़िराक
सब मुज़्महिल सितारे सबब पूछने लगे
पूछा न हाल तक मेरा जब मैं उदास था
अब खुश हूं तो खुशी का सबब पूछने लगे
दिल आईना सा टूट के मेरा बिखर गया
और आप हैं के जश्न ए तरब पूछने लगे