धड़कनें दिल की मेरे बढ़ाओ सनम
अपने सीने से मुझको लगाओ सनम
ज़ख़्मी होने को दिल मेरा बेताब है
तीर नैनों का दिल पर चलाओ सनम
दिल की अंधेर नगरी को रौशन करो
प्यार का दीप दिल में जलाओ सनम
अपनी आवाज़ से कानों में घोलो रस
नग़मा ए दिल वफ़ा का सुनाओ सनम
आँख से आँख दिल से मिले आज दिल
छोड़ो शरमाना अब पास आओ सनम