मुसीबतों में खुदा उस को डाल देता है
जो वालिदैन को घर से निकाल देता है
वो बेमिसाल है तारीफ क्या करूँ उसकी
जो माँ के पेट में बच्चों को पाल देता है
अगर हो साथ में ईमान की जो दौलत तो
वो बीच दरिया से रस्ता निकाल देता है
बुलंदियों पे पहुंच के ग़ुरूर मत करना
उरूज देता है वो ही ज़वाल देता है
नसीम देख लिया आज अपनी आँखों से
हवा का झोंका समन्दर उछाल देता है