करम है मसनद ओ मिम्बर तलक चला आया
गदा मैं बन के तेरे दर तलक चला आया
मेरी तलब ने मुझे हौसला दिया साक़ी
ये हाथ खुद तेरे साग़र तलक चला आया
कई दिनों से है फ़ाक़ा मुआफ़ कर मुझको
बिना बुलाये मैं सासर तलक चला आया
तू आगे आगे मुझे रास्ता दिखाता रहा
मैं पीछे पीछे तेरे घर तलक चला आया
जो दिल की आरज़ू थी आज हो गई पूरी
नसीम हुस्न के पैकर तलक चला आया